भोपाल से गिरफ्तार आतंकी सैयद अदनान के ISIS से गहरे संबंधों का खुलासा हुआ है। अदनान ISIS के लिए सोशल मीडिया हैंडलर के रूप में काम करता था और कट्टरपंथी विचारधारा से प्रभावित युवकों को अपनी ओर आकर्षित करने का काम करता था। वह इंटरनेट से जिहादी वीडियो जुटाकर उन्हें तोड़-मरोड़कर धार्मिक रूप देने और फर्जी चैनलों के जरिए प्रचारित करने का काम करता था।
अदनान ने वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के वीडियो सर्वे का आदेश देने वाले जज की फोटो पर “काफिर” लिखकर उन्हें मारने के लिए उकसाने वाली पोस्ट डाली थी। पोस्ट में लिखा था कि “काफिरों का खून आपके लिए हलाल है।” इस मामले में लखनऊ के गोमती नगर थाने में केस दर्ज हुआ था और UAPA की धाराएं लगाई गई थीं।
ISIS से डिजिटल कनेक्शन
अदनान ‘सात-उल-उम्माह’ और ‘वॉयस ऑफ इंडिया’ नामक ISIS-समर्थक सोशल मीडिया ग्रुप्स से जुड़ा हुआ था, जिनमें 1000 से ज्यादा सीरियाई सदस्य शामिल हैं। वह इन ग्रुप्स में कट्टरपंथी सामग्री पोस्ट करता था और युवाओं को उकसाने की कोशिश करता था। इसके अलावा, वह दिल्ली के मोहम्मद अदनान खान के साथ मिलकर ISIS प्रचार सामग्री का निर्माण और प्रसार करता था। दोनों Signal ऐप के जरिए सीरिया स्थित ISIS कमांडर अबू इब्राहिम अल कुरैशी से संपर्क में थे और उसके निर्देशों के अनुसार वीडियो और कंटेंट शेयर करते थे।
जमानत के बाद फिर सक्रिय हुआ
4 जून 2024 को अदनान को भोपाल से गिरफ्तार किया गया था और यूपी पुलिस ने उसे 10 दिन की रिमांड पर लिया था। 26 सितंबर 2024 को जमानत मिलने के बाद उसने फिर से चरमपंथी गतिविधियों को बढ़ा दिया। पूछताछ में उसने बताया कि वह 12वीं के बाद से ही जिहादी पेजों और चैनलों को फॉलो कर रहा था और धीरे-धीरे ISIS की विचारधारा से प्रभावित हो गया।